रूह आ
रूहे पाक खुदवन्द आ तू आ
जान, जिस्म और रूह में तू बस जा
आ... आ... रूह आ
आ... आ... रूह आ
रूह आ रूह आ
1. रूह के शोले लपक लपक जब आते है
बंधन सारे टुटके गिरते जाते है
आ... आ... रूह आ
आ... आ... रूह आ
रूह आ रूह आ
रूहे पाक खुदवन्द आ तू आ
जान, जिस्म और रूह में तू बस जा
2. बारिश होगी रूहे पाक के बादल से
धूल जायेंगे मैले धब्बे अंदर से
आ... आ... रूह आ
आ... आ... रूह आ
रूह आ रूह आ
रूहे पाक खुदवन्द आ तू आ
जान, जिस्म और रूह में तू बस जा
3. रूह की सूरत मैं येशु जब आएगा
तहश-नःश होगा शैतान गिर जाएगा
आ... आ... रूह आ
आ... आ... रूह आ
रूह आ रूह आ
रूहे पाक खुदवन्द आ तू आ
जान, जिस्म और रूह में तू बस जा
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